मेरी वफापे तूने पेहरा लगाया केसा इल्जाम तुने पर लगाया मेरी वफापे तूने पेहरा लगाया केसा इल्जाम तुने पर लगाया गलती मेरी थी मेने तुझको ही चाहा गलती मेरी थी मेने तुझको ही चाहा खुदसे ही खुदको मिटाया मेने इश्क़ दा रोग लगाया केसा इश्क़ का रोग लगाया मेने इश्क़ दा रोग लगाया केसा इश्क़ दा रोग लगाया मेरी वफापे तूने पेहरा लगाया केसा इल्जाम तुने पर लगाया
इश्क़ में अक्शर ऐसा कयु होता हे चाहने वाला ही कयु रोता हे नीद और सासे ना चेन वो लेता हे इश्क़जो करता हे वोही तड़पता हे जीना भी क्या और मरना भी क्या जीना भी क्या और मरना भी क्या इक वो हम दर्द के बिना मेने इश्क़ दा रोग लगाया केसा इश्क़ का रोग लगाया मेने इश्क़ दा रोग लगाया केसा इश्क़ का रोग लगाया
वो दिन मुलाकाते याद आते हे जब तुम मेरी बाहो में सोते थे ये जमाना कहता हे प्यार जो करते हे जीते जी एकदिन वो मरजाते हे ऐसा होगा हमने सोचा न था ऐसा होगा हमने सोचा न था दूर होगा चाहने वाला मेने इश्क़ दा रोग लगाया केसा इश्क़ का रोग लगाया मेने इश्क़ का रोग लगाया केसा इश्क़ का रोग लगाया केसा इश्क़ का रोग लगाया