हड़ताळ मृदंग हुहुकट हाकट धाकट धीकट नाद धरे…
द्रह द्राह दीदीकट विकट दोकट फट्ट फरंगत फैर फरे…
धधडे नग धोम धधाकट धिकट..
पण देवा…….. देवा सौ ना दास…..
अण विलासे वळु ध्याय करें…..
पण गंगा….. गंगा गोथां खाय..
एवो कोक जो जटाधर कागडा..
भभके गण भूत भयंकर भूतळ नाथ अधंतर ते नखते…
भणके तळ अंबर बाधाय भंखर गाजत जंगर पांहगते….
डमरुंय डडंकर… डडंकर.. डडंकर…
डमरुंय डडंकर बांह जटंकर शंकर ते कैलास सरे…
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण काम प्रजाळण नाच करें…
हे जी काम प्रजाळण नाच करें…
हडडं खडडं ब्रह्मांड हले डडडं डडडा कर डाक बजे…
जळलं दंग जवाल कराल जरें सचरं थडडं गण साज सजे…
कड़के धरणी कडडं कडडं हडडं मुख नाथ ग्रजंत हरे…
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण काम प्रजाळण नाच करें…
हे जी काम प्रजाळण नाच करें…
हे जी काम प्रजाळण नाच करें…
हड़ताळ मृदंग हुहुकट हाकट धाकट धीकट नाद धरे…
द्रह द्राह दीदीकट विकट दोकट फट्ट फरंगत फैर फरे…
धधडे नग धोम धधाकट धिकट..
हड़ताळ मृदंग हुहुकट हाकट धाकट धीकट नाद धरे…
द्रह द्राह दीदीकट विकट दोकट फट्ट फरंगत फैर फरे…
धधडे नग धोम धधाकट धिकट चैंघट घोर कृताळ धरे…
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण काम प्रजाळण नाच करें…
हे जी काम प्रजाळण नाच करें…
“शंभो…”
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण काम प्रजाळण नाच करें…
हे जी काम प्रजाळण नाच करें…
हे जी काम प्रजाळण नाच करें…
पण देवो नी आगळ दूत…
अन रुपाळा कायम रियें…
पण भेळा… भेळा राखे भूत..
एवो तो कैलास वाळो कागड़ा..
नाचत नी शंका मृगमृग पंखा घममम घमका घुंघरू का..
ढोलुं का ढमका होवद हमका..
डम.. डम.. डम.. डम.. डम..
डम डीमाग डीम डीमाग डीम डीमाग..
हे डमडम डमकां डमरूं का रणतूर रणंका भेद भणंका गगन झणंका गहरेशा..
जयदेव.. जयदेव..
जयदेव सिद्धेशा हरण कलेशा मगन हमेशा..
माहेशा.. हे जी मगन हमेशा.. माहेशा..
हरिओम हर.. हर.. हर.. हर.. हर.. हर..
महादेव.. शंभो.. त्रिपुरारी जटाधर शंकर..
शंकर.. शंकर.. शंकर.. शंकर.. शंकर.. महादेव…
हरिओम हर हर ना ज्यां नाद त्यां शशिभाण उगे दिन रात..
तुज विण दिप “प्रदिप” ना वात.. शिव छो कण कण मां हयात..
शिव ने भजो दिन ने रात.. शिव ने भजो दिन ने रात